स्नेह और आशीर्वाद के साथ

16 जुलाई 2012

हमारा हो गया एडमीशन स्कूल में...


          आज हमारे लिए बहुत ही विशेष दिन है। एक तो आज हमारे छोटे चाचा का जन्मदिन है और आज ही हमारा एडमीशन स्कूल में करवा दिया गया है। आप लोग सोच रहे होंगे कि हम चार वर्ष के हो चुके हैं और अभी तक हमारा एडमीशन ही नहीं करवाया गया। हाँ, बिलकुल सही बात है ये...हम अभी इसी 7 मई को चार वर्ष के हुए हैं। 

          पिछले साल हमारे पिताजी के कई परिचितों ने और हमारे घर में भी कई लोगों ने हमारा एडमीशन करवाने के लिए कहा था पर दादी ने मना कर दिया था। उनका कहना था कि सारी उम्र पढ़ना है, अभी कुछ दिन खेलकूद लेने दो, एक बार एडमीशन हुआ नहीं कि फिर बचपन गायब। हमारा एडमीशन तब भले ही न हुआ हो पर हमारी मम्मी ने घर में लगातार हमारी पढ़ाई को जारी रखा। हमें बिना स्कूल जाये भी बहुत कुछ याद है। पूरी ए बी सी डी, गिनती, फलों के, रंगों के, बॉडी पार्ट्स के नाम भी पूरे याद हैं।

          आज सुबह-सुबह तैयार होकर अपने पिताजी के साथ बहुत ही प्रसन्न मन से स्कूल के लिए गये। स्कूल हमारे घर के पास ही है, इस कारण से जल्दी से वहाँ पहुँच गये। ऑफिस पहुँच कर पिताजी ने हमारे एडमीशन के लिए बातचीत की और फॉर्म भरा, तबतक हम स्कूल में वहाँ की एक मैडम के साथ घूम आये।

          स्कूल हमारे पिताजी के एक परिचित श्री अभय द्विवेदी चाचाजी का है, वो तो वहाँ उस समय मिले नहीं पर हमारे एडमीशन का सारा काम समय से हो गया था। ऐल्ल्ल्ल्ल्लो.......हम आपको अपने स्कूल का नाम बताना तो भूल ही गये। हमारे स्कूल का नाम है वंडर प्ले स्कूल’...कहिये कैसा लगा नाम? एडमीशन के बाद हम आज तो अपने पिताजी के साथ वापस लौट आये थे....और हाँ, हम वहाँ बिलकुल भी नहीं रोये। हमें वहाँ अच्छा भी लग रहा था।

          अब कल सुबह हम तैयार होकर, अपना बैग, टिफिन, पानी की बोतल लेकर स्कूल जायेंगे।