स्नेह और आशीर्वाद के साथ

10 मई 2011

गाँव में आया बहुत मजा



पिछले वर्ष अक्टूबर में हम अपनी मम्मा के साथ उनके गाँव गये थे। हमारे मामा के बेटे का मुंडन संस्कार सम्पन्न होना था।


उससे पहले हम कई जगह गये थे किन्तु हमें गाँव जाने का मौका नहीं मिला था।


हमारे मामा के बेटे का नाम विभू है, उसी का मुंडन था। एक-दो दिन रुकना भी हुआ हम सभी का गाँव में। उसी दौरान हमने सभी जगहों को घूम-घूम कर देखा। हमें वहाँ बहुत ही अच्छा लग रहा था।


पानी निकालने के लिए हैंडपम्प, बड़े-बड़े पेड़, बाग-बगीचे देखकर तो बहुत खुशी हो रही थी।


यहाँ के मकान भी हमारे मकानों की तरह से छोटे-छोटे और पक्के नहीं बने थे। यहाँ हम बच्चों के खेलने के लिए खूब जगह थी।


अब आप लोग कहेंगे कि लगभग 6-7 महीने पुरानी बात को हम आज क्यों बताने बैठ गये। आज कुछ पुरानी फोटो देखी जा रही थीं उन्हीं में उस समय की फोटो निकल आईं तो पुरानी बातें याद आ गईं। चलिए एक-दो दिनों में कुछ नई बातें आपको बतायेंगे, अपने ननिहाल की।

09 मई 2011

वर्षगाँठ मनाई अपने लोगों के साथ मिलकर



कल 7 मई को हमारा जन्मदिन था। तीसरी वर्षगाँठ मनाई गई, इस बारे में आपको बताया भी था। कल तो हम व्यस्त रहे और आज सुबह से नाना के साथ इलाहाबाद जाने की तैयारी में लगे रहे, इस कारण समय से आपको अपने जन्मदिन के कार्यक्रम की जानकारी नहीं दे सके।

पिछली
बार की तरह इस बार हमारी सालगिरह पर घर के लोग शामिल नहीं हो सके थे। इसका एक कारण अभी हाल ही में सभी लोगों का छोटे चाचा की शादी में शामिल होना रहा है।

इस
बार हमारा जन्मदिन घर में ही मनाया गया। हमारे बड़े चाचा केक तथा अन्य सामान ले आये थे तथा चाची-मम्मी ने घर में थोड़ी बहुत सजावट कर ली थी।

हमारे
छोटे बाबा-दादी जो घर के पास ही रहते हैं, वे दोनों लोग आये थे और अपने मोहल्ले के सभी दीदी-भैया लोगों को भी बुलाया था। पिताजी ने सुभाष चाचा को भी बुला लिया था। सुभाष चाचा हमारे लिए और हमारी छोटी बहिन पलक के लिए बहुत ही बढ़िया सी चॉकलेट ले कर आये थे।

सभी
के आने के बाद हमने केक काटा था। केक काटने के समय हमारे दादी-बाबा, मम्मा-पिताजी भी साथ खड़े थे। केक कटने के बाद दादी ने, बाबा ने हमें केक खिलाया। आपको एक बात बतायें कि हमें हमारी छोटी बहिन पलक ने भी केक खिलाया।

सुभाष चाचा को फोटो खींचने का काम सौंपा गया था। आपने कल जो फोटो हमारे फेसबुक पेज पर देखे थे, वे सुभाष चाचा ने ही खींचे थे।

केक
काटने के बाद छोटी बुआ ने सभी को केक खिलवाया।


हमने भी अपने सभी दीदी-भैया लोगों को अपने हाथों से टॉफी बाँटी थी। हमें सभी के साथ मिलकर बहुत ही अच्छा लग रहा था।


इसके बाद हम सभी ने मिलकर कुछ व्यंजन का मजा भी उठाया।

== इस समय हम इलाहाबाद गए हैं, आज 8 मई को अपने नाना-नानी, मौसी के साथ आये हैंसाथ में मम्मा भी आई है

06 मई 2011

आज है अक्षय तृतीया -- हमारा जन्मदिन

अभी सुबह ही आप सभी को अपने जन्मदिन के बारे में जानकारी दी थी उसी के तुरन्त बाद ग्वालियर से हमारे सबसे छोटे बाबा-दादी का फोन आ गया।

फोन
उन्होंने हमारे लिए किया था, पता चला कि वे लोग हमें जन्मदिन की शुभकामनायें देना चाहते थे। हमने बताया कि हमारा जन्मदिन तो कल है तो दादी ने हमें बताया कि अंग्रेजी कैलेण्डर के हिसाब से तो कल है किन्तु हिन्दी महीनों के अनुसार आजअक्षया तृतीयाको हमारा जन्मदिन है।



हमें
भी याद आया कि अभी एक दिन हमें बताया गया था कि हमारा जन्मदिन दो बार मनाया जाता है। एक बार अक्षया तृतीया को और दूसरी बार 7 मई को। हमें यह भी बताया गया कि इसी कारण से हमारा नाम अक्षयांशी रखा गया है।

दादी
-बाबा ने हमें आशीर्वाद दिया और हमने ढेर सारी बातें की। अब शाम को हम पार्टी जरूर लेंगे। कल तो होगी ही, आज भी मजा ले लिया जाये।


इसी बीच आपको एक खबर और दे दें कि हमारे पिताजी के बहुत ही पक्के दोस्त हैं हमारे अभिनव चाचू, जो कानपुर में रहते हैं। उनके घर आज सुबह पुत्र का जन्म हुआ है। सुबह उनका फोन भी आया था। हमारी चाची और उनका छोटा सा बेटा एकदम स्वस्थ है। एक-दो दिन में हम उसे देखने कानुपर जायेंगे, तब उसकी फोटो खींच के लायेंगे और आप सभी को दिखायेंगे।

चलते
हैं, अब तो जन्मदिन की तैयारी आज से और अभी से करनी है, अरे, शाम को पार्टी जो लेनी है।

चाचा की शादी के बाद अब जन्मदिन की तैयारियां शुरू

हमारे परिवार में हमारी नई चाची का आगमन हो गया है। आपको बताया था न अपने चाचा की शादी के बारे में, शादी 30 अप्रैल को सम्पन्न हुई। बहुत मजा आया इस शादी में। बाबा के घर पर रोज ही कोई न कोई कार्यक्रम होता था। उसमें शामिल होकर भी बहुत अच्छा लगता था।

(हमारे पिताजी-मम्मी, दादी, चाची-चाचा, छोटी बहिन पलक
हम और हमारे छोटे मिंटू चाचा पता नहीं कहाँ चले गए)

इधर घर में शादी की भीड़भाड़ भी बहुत रही। बाबा-दादी, बुआ-फूफा, चाचा लोगों का आना जाना लगा रहा। हमारे मामा भी आये थे, इलाहाबाद से।

(इस फोटो में बाएं से--राजेश चाचा, बबलू चाचा, सुभाष चाचा, संदीप चाचा, हमारे पिताजी के मामा यानि कि हमारे बाबा, हमारे पिताजी, पंकज मामा और अंत में हमारे सुनील मामा)

आपको
एक बात और बतायें कि हम अपने जन्मदिन के बाद अपने नाना-नानी के पास इलाहाबाद जा रहे हैं। अरे, गर्मियों की छुट्टियाँ हो गई हैं, इस कारण से हमारे नाना और हमारे मामा भी हमको इलाहाबाद में मिल जायेंगे।
शादी के मजे लूटने के बाद अब हम अपने जन्मदिन की तैयारियों में लग गये हैं। हमारा जन्मदिन इसी माह की 7 तारीख को पड़ता है। अब दिन भी कितने रह गये हैं, आज हो गई 6 तारीख और ये लो कल ही तो है 7 मई। अरे वाह! कल ही तो हमारा जन्मदिन है।
अब चलें, थोड़ा सा तैयारियों में ध्यान लगायें क्योंकि इस कार्यक्रम में भी बहुत से लोगों के आने की उम्मीद है। कल फिर मिलेंगे, बर्थडे के बारे में बताने के लिए।
नमस्ते।