कल आपको वीडियो के द्वारा दिखाया था और सिखाया था कि गर्मी में घमौरियों से बचने के लिए पावडर कैसे लगाते हैं।
आप अब फोटो देखिये
ये तो हैं हम.... पहले पावडर को जमीन पर गिराइए
ये हमने लगाया अपनी छोटी बहिन पलक यानि कि हमारी पौच जी को...
अब पौच जी खुद समझ गईं है और अपने आप लगा रही हैं....
हाँ बिलकुल सही.....
देखा जब इतनी छोटी सी पौच जी सीख सकती है तो आप लोग भी सीख सकते हैं.......बस मन लगा कर सीखिए॥
अच्छा अब चलें....
स्नेह और आशीर्वाद के साथ
19 मई 2010
18 मई 2010
घमौरियों से बचने के लिए पावडर इस तरह से लगाएं...(वीडियो)
आजकल गर्मी बहुत पड़ रही है....और गर्मी में अक्सर लोगों को घमौरियां निकल आतीं हैं।
घमौरियों से बचने के लिए सभी लोग पावडर का इस्तेमाल करते हैं......हम भी करते हैं.... आप भी करते हैं...
इसके बाद भी हम दावे से कह सकते हैं कि आप हमारी तरह से पावडर नहीं लगाते होंगे? यदि आप इस तरह से पावडर नहीं लगाते तो ........... तो .................तो इसी कारण से आपको घमौरियां निकल सकतीं हैं।
घमौरियों से बचना है तो हमारी तरह से पावडर लगाना सीखिए।
नीचे दिया वीडियो देखिये और सीख लीजिये.....
घमौरियों से बचने के लिए सभी लोग पावडर का इस्तेमाल करते हैं......हम भी करते हैं.... आप भी करते हैं...
इसके बाद भी हम दावे से कह सकते हैं कि आप हमारी तरह से पावडर नहीं लगाते होंगे? यदि आप इस तरह से पावडर नहीं लगाते तो ........... तो .................तो इसी कारण से आपको घमौरियां निकल सकतीं हैं।
घमौरियों से बचना है तो हमारी तरह से पावडर लगाना सीखिए।
नीचे दिया वीडियो देखिये और सीख लीजिये.....
हमने अक्षया तृतीया को फिर से मनाया अपना जन्मदिन
हमने इस वर्ष अपना जन्मोत्सव दोबारा मनाया। जी हाँ, आपको आश्चर्य तो हो रहा होगा किन्तु चौंकिये नहीं यह एकदम सत्य है। इसी महीने 07 मई को हमारी दूसरी वर्षगाँठ मनाई गई थी और फिर 16 मई को भी दूसरी वर्षगाँठ मनाई गई।
नहीं, कोई गलती नहीं हुई, दरअसल हुआ यह है कि हम हिन्दी महीनों के हिसाब से अक्षया तृतीया को हुए थे और अंग्रेजी महीनों के अनुसार 7 मई को। इस कारण पहले 7 मई को जन्मदिन मनाया गया और जब 16 तारीख को अक्षया तृतीया पड़ी तो फिर से मनाया गया।
अक्षया तृतीया को हम अपने नाना-नानी के घर पर इलाहाबाद में थे और वहीं शाम को घर में नाना, नानी, मामा, मामी, मौसी और हमारी मम्मी ने मिलकर छोटी सी पार्टी रख ली। हाँ, एक बात और आपको बतायें कि इस पार्टी में हमारा छोटा सा भइया (हमारे मामा-मामी का छोटा सा बेबी) भी था। वह अभी इतना छोटा है कि उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
हमने तो अभी हाल ही में केक काटा था तो जैसे ही मेज पर मामा ने केक रखा हम समझ गये कि हमें केक काटना है। हमने अबकी बार तो बड़े अच्छे तरीके से केक काटा।
अभी फोटो बनकर नहीं आ सकीं हैं, इस कारण से आपको फोटो नहीं दिखा पा रहे हैं। जल्दी ही मिल जायेंगे तब आप सभी को अक्षया तृतीया वाले दिन मनाई गई पार्टी की फोटो भी दिखायेंगे।
नहीं, कोई गलती नहीं हुई, दरअसल हुआ यह है कि हम हिन्दी महीनों के हिसाब से अक्षया तृतीया को हुए थे और अंग्रेजी महीनों के अनुसार 7 मई को। इस कारण पहले 7 मई को जन्मदिन मनाया गया और जब 16 तारीख को अक्षया तृतीया पड़ी तो फिर से मनाया गया।
अक्षया तृतीया को हम अपने नाना-नानी के घर पर इलाहाबाद में थे और वहीं शाम को घर में नाना, नानी, मामा, मामी, मौसी और हमारी मम्मी ने मिलकर छोटी सी पार्टी रख ली। हाँ, एक बात और आपको बतायें कि इस पार्टी में हमारा छोटा सा भइया (हमारे मामा-मामी का छोटा सा बेबी) भी था। वह अभी इतना छोटा है कि उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था।
हमने तो अभी हाल ही में केक काटा था तो जैसे ही मेज पर मामा ने केक रखा हम समझ गये कि हमें केक काटना है। हमने अबकी बार तो बड़े अच्छे तरीके से केक काटा।
अभी फोटो बनकर नहीं आ सकीं हैं, इस कारण से आपको फोटो नहीं दिखा पा रहे हैं। जल्दी ही मिल जायेंगे तब आप सभी को अक्षया तृतीया वाले दिन मनाई गई पार्टी की फोटो भी दिखायेंगे।
16 मई 2010
7 मई को थी हमारी वर्षगाँठ--- उसी की कुछ झलकियाँ..
नमस्ते,
जैसा कि आप सभी को पता ही चल गया था कि हमारी सालगिरह सात मई को थी....
उस दिन शाम को पार्टी भी दी गई थी।
खूब बड़ा सा केक बनकर आया था.....कार्टून का चित्र बना था उस पर....
आप खुद देख लो....
पार्टी में हमारे साथ खेलने के लिए बच्चे भी आये थे.........बच्चे मतलब हमारे दीदी और भैया लोग...
सबने मिल कर खूब मस्ती करी .......... हमें भी बड़ा मजा आया था...
जब लगभग सभी लोग आ गए तो हमने केक काटा...
अब केक जिस मेज पर रखा था, हम तो उस तक पहुँच ही नहीं पा रहे थे। तब हमारे बाबा ने हमें अपनी गोद में उठाकर हमसे केक कटवा दिया........
केक काटने पर सभी ने तालियाँ बजाईं और एक गीत भी गाया...
हमें ये नहीं मालूम था कि केक काटने के बाद तो हमारी शामत आ जायेगी.........सब लोग हमारे पास आते, हमारे टीका करते और फिर केक खिलाते............
उफ़! हमने बहुत सा केक खाया ही नहीं....
देखो चाची भी कैसे खिलाने के लिए कह रहीं हैं....पर कितना केक खाएं....
कानपुर से हमारी बुआ और फूफा भी आये थे....ये साडी में हैं ना सबसे बाएं...यही हैं हमारी बुआ...
जो हरी साडी में हैं वो हमारी दादी हैं..छोटी वालीं....
और हाँ, ग्वालियर से सबसे छोटे बाबा, दादी और सबसे छोटे चाचा भी आये थे....इलाहाबाद से नाना, नानी और मौसी आये थे......
इस फोटो में हम मम्मी की गोद में हैं और सबसे बाएं बुआ......फिर नानी...सबसे दायें छोटी मौसी....
अब पार्टी हो और खाना-पीना न हो ये कैसे हो सकता है...
सबने केक भी खाया और फिर सभी ने मिल कर दावत का आनंद भी लिया...
सच में बड़ा मजा आया था हमें तो...
आपको आया कि नहीं?
अब चलें..... इस समय हम अपने नाना के पास इलाहाबाद में हैं....गर्मियों की छुट्टी में आये हैं मजा करने...
अच्छा नमस्ते....शुभ दिन...
हाँ एक बात बताएं......ये सारे फोटो हमारे सबसे छोटे चाचा ने अपने कैमरे से खींचे हैं....
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जैसा कि आप सभी को पता ही चल गया था कि हमारी सालगिरह सात मई को थी....
उस दिन शाम को पार्टी भी दी गई थी।
खूब बड़ा सा केक बनकर आया था.....कार्टून का चित्र बना था उस पर....
आप खुद देख लो....
पार्टी में हमारे साथ खेलने के लिए बच्चे भी आये थे.........बच्चे मतलब हमारे दीदी और भैया लोग...
सबने मिल कर खूब मस्ती करी .......... हमें भी बड़ा मजा आया था...
जब लगभग सभी लोग आ गए तो हमने केक काटा...
अब केक जिस मेज पर रखा था, हम तो उस तक पहुँच ही नहीं पा रहे थे। तब हमारे बाबा ने हमें अपनी गोद में उठाकर हमसे केक कटवा दिया........
केक काटने पर सभी ने तालियाँ बजाईं और एक गीत भी गाया...
हमें ये नहीं मालूम था कि केक काटने के बाद तो हमारी शामत आ जायेगी.........सब लोग हमारे पास आते, हमारे टीका करते और फिर केक खिलाते............
उफ़! हमने बहुत सा केक खाया ही नहीं....
देखो चाची भी कैसे खिलाने के लिए कह रहीं हैं....पर कितना केक खाएं....
कानपुर से हमारी बुआ और फूफा भी आये थे....ये साडी में हैं ना सबसे बाएं...यही हैं हमारी बुआ...
जो हरी साडी में हैं वो हमारी दादी हैं..छोटी वालीं....
और हाँ, ग्वालियर से सबसे छोटे बाबा, दादी और सबसे छोटे चाचा भी आये थे....इलाहाबाद से नाना, नानी और मौसी आये थे......
इस फोटो में हम मम्मी की गोद में हैं और सबसे बाएं बुआ......फिर नानी...सबसे दायें छोटी मौसी....
अब पार्टी हो और खाना-पीना न हो ये कैसे हो सकता है...
सबने केक भी खाया और फिर सभी ने मिल कर दावत का आनंद भी लिया...
सच में बड़ा मजा आया था हमें तो...
आपको आया कि नहीं?
अब चलें..... इस समय हम अपने नाना के पास इलाहाबाद में हैं....गर्मियों की छुट्टी में आये हैं मजा करने...
अच्छा नमस्ते....शुभ दिन...
हाँ एक बात बताएं......ये सारे फोटो हमारे सबसे छोटे चाचा ने अपने कैमरे से खींचे हैं....
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07 मई 2010
आशीर्वाद दीजिये.... आज हमारा जन्मदिन है == अक्षयांशी
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नमस्ते सभी को, आज हम बहुत खुश हैं..........पता है क्यों?????
आज हमारा जन्मदिन है। हम आज हो गये हैं पूरे दो वर्ष के। हिन्दी महीनों के हिसाब से हमारा जन्मदिन पड़ता है अक्षया तृतीया को और कैलेंडर के अनुसार आज यानि कि 7 मई को।
आज के लिए हमने बहुत-बहुत तैयारी कर रखी है। हमारे सामने रंगोली दीदी और चंचल दीदी रहतीं हैं। उन्होंने हमें पाँच-छह दिन पहले से सिखाया था कि हमारी बर्थडे पर लोग हमसे हैप्पी बर्थडे कहेंगे तो हमें भी उनसे थैंक्यू कहना है। हमने बड़ी मुश्किल से थैंकू कहना सीख लिया है।
घर पर भी हमें सबने इसकी खूब पैक्टिस करवाई थी।
अरे, कोई इतना ही तो काम है नहीं, शाम को पार्टी भी है, उसकी तैयारी भी देखनी है।
हमारी ड्रेस तो नई-नई आ गई थी बाजार से।
और हाँ, आज मौसी भी आ रही है, नाना-नानी के साथ, वो भी एक बहुत सुंदर सी ड्रेस ला रही है।
अच्छा अभी तो हम आये थे आप सभी का आशीर्वाद लेने.......शाम को पार्टी कर लें फिर कल आकर आपको पूरे हाल-चाल बतायेंगे।
लो जी....किसी का फोन आ रहा है.....चलें बात करलें।
आपसे अब कल मुलाकात करेंगे। आशीर्वाद दीजिएगा।
आपकी - अक्षयांशी
आज हमारा जन्मदिन है। हम आज हो गये हैं पूरे दो वर्ष के। हिन्दी महीनों के हिसाब से हमारा जन्मदिन पड़ता है अक्षया तृतीया को और कैलेंडर के अनुसार आज यानि कि 7 मई को।
आज के लिए हमने बहुत-बहुत तैयारी कर रखी है। हमारे सामने रंगोली दीदी और चंचल दीदी रहतीं हैं। उन्होंने हमें पाँच-छह दिन पहले से सिखाया था कि हमारी बर्थडे पर लोग हमसे हैप्पी बर्थडे कहेंगे तो हमें भी उनसे थैंक्यू कहना है। हमने बड़ी मुश्किल से थैंकू कहना सीख लिया है।
घर पर भी हमें सबने इसकी खूब पैक्टिस करवाई थी।
अरे, कोई इतना ही तो काम है नहीं, शाम को पार्टी भी है, उसकी तैयारी भी देखनी है।
हमारी ड्रेस तो नई-नई आ गई थी बाजार से।
और हाँ, आज मौसी भी आ रही है, नाना-नानी के साथ, वो भी एक बहुत सुंदर सी ड्रेस ला रही है।
अच्छा अभी तो हम आये थे आप सभी का आशीर्वाद लेने.......शाम को पार्टी कर लें फिर कल आकर आपको पूरे हाल-चाल बतायेंगे।
लो जी....किसी का फोन आ रहा है.....चलें बात करलें।
आपसे अब कल मुलाकात करेंगे। आशीर्वाद दीजिएगा।
आपकी - अक्षयांशी
01 मई 2010
गर्मी में अपने बचाव के कुछ सरल से उपाय .....
पहचानिए ये कौन है?..........
नहीं पहचाने...?
ये हैं...
ये हैं.......
अरे! ये तो हम हैं.......
क्या, आप लोग हमें ही नहीं पहचान पाए?
हम कोई लुका-छिपी का खेल नहीं खेल रहे हैं। ये तो हम गर्मी से, धूप से बचने के लिए बांधे हैं।
ये देखिये, अब हमने अपना चेहरा दिखा दिया.... देखा हम ही हैं!!!
गर्मी में बहुत जरूरी हो जाता है कपडा मुंह पर, सर पर बाँध कर रखना.... आप भी बाँधा करिए।
हाँ, कपडे के अलावा हम कभी-कभी सर पर अपनी टोपी भी लगा लेते हैं......देखिये कितना सुन्दर हैट है। अच्छा है?
हमने अकेले ही नहीं लगाया है....अपनी छोटी बहिन को भी लगाया है.....
वो अभी बहुत छोटी है, इस कारण मुंह पर कपड़ा नहीं बंधवाती है... पर टोपी पहन लेती है....
देखो कितनी खुश भी है, इसे लगा कर....
एक बात और बताएं.... हम अकेले कपडा या टोपी से ही बचाव नहीं करते............
हम खूब सारा पानी भी पीते हैं.... हमारी एक बोतल अलग से है.... पहले इसमें हमारे लिए निम्बू पानी आया था... जब उसको ख़तम कर लिया तो उसी में हमने अपना पानी भर लिया।
अब सारा दिन पीते रहते हैं......
अब हम दोनों बाज़ार जाने की तैयारी में हैं...........एक साथ...
हां आप भी बाज़ार जाइए या धूप में घर से बाहर निकालिए तो सर और मुंह को जरूर ढँक लीजिये... ये अकेले बच्चों के लिए नहीं है....बड़ों को भी ऐसा करना चाहिए.....
आप सब करेंगे ऐसा...........ठीक... अब चलें...
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