स्नेह और आशीर्वाद के साथ

30 जून 2009

हम भी आ गए ब्लॉग संसार में

नमस्कार, हम आज से अपना ब्लाग लिखना शुरू कर रहे हैं। ऐसा हम अपने पिता और माँ की सहायता से कर रहे हैं। हमारा जन्म तो पिछले वर्ष 7 मई को हुआ था, उस समय भी सोचा था कि आप सभी से अपनी मीठी-मीठी बातें बाँटते चलें। एक-दो बार मन किया पर लगा कि अभी सही समय नहीं है क्योंकि शुरू के कुछ दिन तो घर के लिए होते हैं जब बाबा-दादी, माता-पिता, चाचा-चाची आदि हम जैसे छोटे बच्चे की एक-एक हरकत पर आनन्दित होते हैं। यही सोच कर कि पहले एक वर्ष की अपनी शरारतों का आनन्द घर वालों को उठाने देंगे उसके बाद ब्लाग पर लिखना शुरू करेंगे।

आज मौका भी है, हमारी सालगिरह भी निकले दो माह होने को आ रहे हैं फिर आज ही हमें क्यों सूझी कि कुछ अपने बारे में भी लिखा जाये। तो आपको बता दें कि आज हमारे बुआ-फूफा (पूजा-मोहित) की शादी की सालगिरह है। सोचा अपनी न सही अपने बुआ-फूफा की किसी सालगिरह पर तो ब्लाग लिखने की शुरूआत की जा सकती है।

हमारे बुआ-फूफा हमें कुहुक नाम से बुलाते हैं। बुआ ने तो हमारा नाम हमारे होने से कई वर्ष पहले रख दिया था, ठीक वैसे ही जैसे कि हमारे बड़े चाचा ने हमारे होने से पहले हमारा नाम परी रख दिया था। चलिए आज के लिए इतना ही सही...शेष तो मिलना होता रहेगा।

बुआ-फूफा को शादी की सालगिरह की शुभकामनायें उनकी प्यारी कुहुक की ओर से।

13 टिप्‍पणियां:

Chandan Kumar Jha ने कहा…

चलिये आप हमारी शुभकामनायें भी ले लीजिये.

चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है.......भविष्य के लिये ढेर सारी शुभकामनायें.

गुलमोहर का फूल

gazalkbahane ने कहा…

इस स्नेहिल जगत व ब्लॉग जगत पर स्वागत,देखिये कितने प्यारे समझदार मात-पिता मिले हैं आपको सब कुछ सहेज संवार रहे हैं आपके भविष्य हेतु और आपको वसुधैव कुटुम्बकम् का सदस्य भी बना दिया-
हां वे चाहें तो आपके लिये एक बाल-गीत भी सहेज सकते हैं
इस ब्लॉग पर मेरा एक बाल-गीत-
http://saraspaayas.blogspot.com/2009/06/blog-post_25.html
श्याम

गिरिजेश राव, Girijesh Rao ने कहा…

खिलौना तो बड़ा अच्छा है। हमें भी दो न। नहीं!
हम लोने लगेंगे अब्भी।

प्रकाश गोविंद ने कहा…

वाह "कुहुक" बेटा
हमें आपसे मिलकर बेहद ख़ुशी हुयी !
अब हमें अपनी सारी बातें बताना !
अच्छा ?
पुनः आऊंगा !

शुभकामनाएं


कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें !
लगता है कि शुभेच्छा का भी प्रमाण माँगा जा रहा है।
इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक परेशानी होती है !

तरीका :-
डेशबोर्ड > सेटिंग > कमेंट्स > शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स > सेलेक्ट नो > सेव सेटिंग्स

सागर नाहर ने कहा…

बिटिया
हम तो आपको कुहु कह कर बुलायेंगे, आपको बुरा तो नहीं लगेगा ना?
और हां आपका फोटो तो हमें दिखा ही नहीं। ये गलत बात है।

के सी ने कहा…

किसने बना के दिया इतना सुंदर ब्लॉग ?
लिखते रहने की शुभकामनाएं ..

shama ने कहा…

Kaanon ko bada suha gaya aapka ye naam," kuhuk..."!
Sneh sahit
shama

http://kavitasbyshama.blogspot.com

http://shamasansmaran.blogspot.com

http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com

Dr. Virendra Singh Yadav ने कहा…

shabash kuhook/pari bitia!aisha lagata hai ki yah nanhi pari hamare apame beech ki hi hai,amma bappa ki tarah likhati sochti raho.hamara ashirvad apke sath hai.

प्रवीण शुक्ल (प्रार्थी) ने कहा…

blog jagat me aap ka swagat hai
saadar
praveen pathik
9971969084

सर्वत एम० ने कहा…

कुहुक हमेशा यूं ही कुहुकती रहो तुम
शुभकामनाएं

राजेंद्र माहेश्वरी ने कहा…

बचपन:- यह शब्द हमारे सामने नन्हे-मुन्नों की एक ऐसी तस्वीर खिंचता हैं, जिनके हृदय में निर्मलता, ऑखों में कुछ भी कर गुजरने का विश्वास और क्रिया-कलापो में कुछ शरारत तो कुछ बडों के लिए भी अनुकरणीय करतब।

राजेंद्र माहेश्वरी ने कहा…

बचपन की यह बेला आपको सपरिवार मंगलमय हो। शिव की शक्ति, मीरा की भक्ति, गणेश की सिद्धि, चाणक्य की बुद्धि, शारदा का ज्ञान, कर्ण का दान, राम की मर्यादा, भीष्म का वादा, हरिशचन्द्र की सत्यता, लक्ष्मी की अनुकम्पा, कुबेर की सम्पन्नता प्राप्त हो यही हमारी शुभकामना हैं।

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर ने कहा…

narayan narayan